युवक की रेन बसेरा तालाब में डूबने से मौत

झालावाड़। झालावाड़ नेशनल हाईवे 52 पर स्थित रेन बसेरा तालाब में मंगलवार सुबह गणेश पूजा के लिए कमल के फूल लेने गए युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है। कोतवाली के एएसआई त्रिलोक ने बताया कि पुलिस को रेन बसेरा तालाब के किनारे एक व्यक्ति के पानी में डूबने की सूचना मिली थी, इस पर मौके पर पहुंचे तो तालाब के किनारे एक युवक अचेत अवस्था में मिला। परिजनों ने उसकी शिनाख्त झालावाड़ भोई मोहल्ला निवासी राजू कश्यप (40) पुत्र प्रेम कश्यप के रूप में की। उसके कपड़े बाहर तालाब किनारे पर मिले। उसको जिला अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इधर परिजनों ने बताया राजू कश्यप सुबह 6 बजे अपने घर से रेन बसेरा तालाब में कमल के फूल लेने की बात कहकर बाइक से निकला था, लेकिन 2 घंटे बाद भी नहीं लौटा तो परिजन उसे तलाश करते हुए तालाब पर पहुंचे थे। जिला एसआरजी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों की रिपोर्ट पर संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है।
शहर में मंगलवार रात प्रसव के दौरान महिला व बच्चे की मौत हो गई। इस पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। रात 10 बजे तक पुलिस समझाइश में लगी रही, लेकिन परिजनों ने शव नहीं लिया। जानकारी के अनुसार एलएन अस्पताल में सोमवार रात को छापेड़ा, खिलचीपुर (मप्र) निवासी शिवानी पत्नी देवकरण तंवर को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल संचालक वरुण व्यास ने बताया कि महिला की सोनोग्राफी कराई गई तो गर्भ में बच्चा मृत मिला। बच्चे की मौत करीब 15 दिन पहले हो चुकी थी। महिला के पेट में मवाद पड़ चुका था। बच्चा उल्टा था और फंसा हुआ था।
ऐसे में प्रसव कराना भी काफी रिस्की था। यह सब बातें परिजनों को बताई गई थी। उसके बाद डिलीवरी कराई और बच्चे को निकाला, लेकिन इस दौरान महिला को शॉक लगा और उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया, जबकि पूरा इलाज उनकी सहमति से ही किया गया और उनको रिस्क के बारे में पहले से ही बता दिया गया था। उधर, महिला के पति देवकरण व अन्य परिजनों ने आरोप लगाया कि दो दिन से महिला भर्ती थी, लेकिन किसी बड़े डॉक्टर को नहीं दिखाया। वहीं जब बच्चा मृत था और अंदर फंसा था तो नॉर्मल डिलीवरी क्यों की। सीजेरियन कर भी बच्चे को निकाल सकते थे। इससे महिला की जान बच जाती। परिजनों ने आरोप लगाया कि नॉर्मल डिलीवरी से बच्चा निकालने की को शिश की, इसलिए बच्चा फंसा और महिला की मौत हो गई। यह अस्पताल के कार्मिकों की लापरवाही है। हंगामे की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से समझाइश की। मंगलवार देर रात तक परिजनों ने शव नहीं उठाया। मौके पर मौजूद सीआई भूरी सिंह ने बताया कि परिजनों से समझाइश की जा रही है। अगर मामला दर्ज कराते हैं तो जांच करेंगे।
