
लंबलू। लंबलू के डि-नोटिफाई किए संस्थानों को री-नोटिफाई करने के लिए प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़े ही अजीब ढंग से ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। सरकार के निर्णय के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने बकरे के गले में पोस्टर बांधकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने डिग्री कालेज, पीएचसी और पशु औषधालय संस्थानों को सरकार द्वारा डि-नोटिफाई करने के विरोध में यह आक्रोश रैली निकाली। इस प्रदर्शन में स्थानीय आठ पंचायतों के लोग, महिला मंडल और युवक मंडल के सदस्य और पंचायत प्रतिनिधि शामिल रहे। ग्रामीणों ने ल बलू बाजार के पुल से लेकर उपतहसील कार्यलय तक रैली निकालकर डि-नोटिफाइड संस्थानों को री-नोटिफाइड करने हेतु एक ज्ञापन रमेश गारला नायब तहसीलदार ल बलू को सौंपा है। जानकारी के मुताबिक लंबलू क्षेत्र के लगभग 150 लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर नारे लगाते हुए आक्रोश रैली निकाली।
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आक्रोश रैली द्वारा लंबलू बाजार की सडक़ों पर नारेबाजी कर अपनी मांगों के प्रति सरकार को सचेत किया। क्षेत्रीय विकास मंच लंबलू के नेतृत्व में इलाका के लगभग 150 महिलाओं व पुरुषों ने आक्रोश रैली में भाग लिया। तहसील कार्यालय के प्रांगण में स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान करतार सिंह चौहान ने कहा कि आजतक इस क्षेत्र की जनता प्रत्येक सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैया का शिकार होती रही है। जनता की लगातार मांग पर भाजपा सरकार के कार्यकाल में लंबलू क्षेत्र में प्राइमरी हैल्थ सेंटर, डिग्री कालेज व पशु औषधालय को खोला गया था। किसी दानी-सज्जन ने डिग्री कालेज के लिए दो लाख रुपए का फर्नीचर भी दान दे रखा है, परंतु वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा किसी कारण इन सभी संस्थाओं को डि-नोटिफाइड आश्वासन दिया था कि सर्वेक्षण कर जो जरूरी संस्थान होंगे उन्हें दोबारा खोला जाएगा, परंतु एक लंबा समय बीत जाने के बाद भी इस क्षेत्र में डि-नोटिफाइड किए गए संस्थानों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रधान करतार सिंह चौहान ने आक्रोश रैली के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई है कि इस इलाके की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सभी डि-नोटिफाइड संस्थानों को री-नोटिफाइड किया जाए। यह आम जनता की मांग है अन्यथा जनता का आक्रोश सडक़ों पर दिखाई देगा।