
बेंगलुरु: कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने दो साल पहले अपनी बेटी की हत्या के लिए एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मार्च 2021 में अपनी 10 वर्षीय बेटी वैगा की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद 42 वर्षीय आरोपी शानू मोहन को आजीवन कारावास की सजा दी गई। शख्स पर आरोप है कि वह झूठ बोलकर अपनी बेटी को बाहर लेकर गया था। फिर कोल्ड ड्रिंक में शऱाब मिलाकर उसे पिला दी। जब वह बेहोश हो गई तो गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

कर्नाटक की अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के सोमन ने आरोपी पिता शानू मोहन को उसकी बेटी की हत्या के इल्जाम में दोषी ठहराया है। आजीवन कारावास के साथ उस पर 1.7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, मोहन को अपहरण, नशा और किशोर न्याय अधिनियम के तहत अपराधों सहित विभिन्न अपराधों के लिए कुल 28 साल की कैद दी गई।
28 वर्षों की सजा में वह आजीवन कारावास की शुरुआत से पहले 10 साल के कठोर कारावास की सजा भुगतेगा। 18 अप्रैल, 2021 को कर्नाटक में गिरफ्तार मोहन ने अपराध कबूल करते हुए खुलासा किया था कि उसने अपनी बेटी की हत्या के बाद खुद की जान लेने की भी योजना बनाई थी।
मामले में अभियोजन पक्ष का कहना था कि शानू मोहन आर्थिक तंगी झेल रहा था। इसलिए उसने अपनी बेटी की हत्या करने की योजना बनाई। वह सोचता था कि बेटी की हत्या करके वह देनदारियों से बच जाएगा। 21 मार्च, 2021 को उसने अपने चाचा से मिलने का बहाना करके अपनी पत्नी और रिश्तेदारों को झूठ बोला और बेटी को अपने साथ ले गया। उसने अपनी बेटी के लिए खाना और कोल्ड ड्रिंक खरीदा और ड्रिंक में शराब में मिला दी। जब बेटी नेश में चूर हो गई तो एर्नाकुलम में घर लौटने पर उसने फ्लैट में ले जाकर बेटी का गला घोंटकर हत्या कर दी।
पुलिस का कहना था कि मोहन ने बेहद शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम दिया। उसने बेटी की हत्या करने के बाद मौका-ए-वारदात को अच्छे से साफ किया और बेटी के शव को अपनी कार में डालकर ले गया। उसने मुत्तर नदी में फोन फेंके और फिर बेटी का शव भी वहीं फेंक दिया। इसके बाद वह कोयंबटूर भाग गया था।