
तमिलनाडु। आज वैकुंठ एकादशी के अवसर पर त्रिची के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, परमपद वासल (स्वर्ग का सातवां द्वार) खोला गया। वैकुंठ एकादशी प्रतिवर्ष हिंदू कैलेंडर के शुक्ल पक्ष या मार्गाज़ी महीने के ग्यारहवें चंद्र दिवस पर मनाई जाती है।
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#WATCH तमिलनाडु: आज वैकुंठ एकादशी के अवसर पर त्रिची के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, परमपद वासल (स्वर्ग का सातवां द्वार) खोला गया।
वैकुंठ एकादशी प्रतिवर्ष हिंदू कैलेंडर के शुक्ल पक्ष या मार्गाज़ी महीने के ग्यारहवें चंद्र दिवस पर मनाई जाती है। pic.twitter.com/Ct0R0qr6oE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
श्रीरंगम मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर परिसर और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक परिसरों में से एक है। इनमें से कुछ संरचनाओं का सदियों से एक जीवित मंदिर के रूप में नवीनीकरण, विस्तार और पुनर्निर्माण किया गया है। इस मंदिर का निर्माण 894 ई. में गंगा राजवंश के जागीरदार थिरुमलाराया ने करवाया था। 12वीं शताब्दी की शुरुआत में, होयसल राजा विष्णुवर्धन ने वैष्णव संत रामानुजाचार्य को अग्रहारम के रूप में श्रीरंगपट्टनम गांव प्रदान किया था।