
प्रयागराज: प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र के बड़ी हल्दी गांव में छह साल के मासूम तमीम की नृशंस हत्या का राज खुल गया है। पुलिस की तफ्तीश और जांच में चौंकाने वाले राज खुले हैं। तमीम को उसके साथ ही खेलने वाले तेरह साल के दोस्त ने मौत के घाट उतार दिया। बड़ी हल्दी गांव के रहने वाले कामरान का बेटा तमीम बुधवार शाम घर के बाहर खेलने के दौरान लापता हो गया था। इसके बाद गुरुवार सुबह घर से कुछ दूर स्थित खंडहर मकान के पास उसकी लाश पाई गई थी। इस मामले में कक्षा पांच में पढ़ने वाले हत्यारोपित को पुलिस ने पकड़ लिया है। जरा सी सख्ती पर आरोपित ने हत्या से पहले, हत्या और उसके बाद की कहानी उगल दी। तेरह साल के कातिल की क्रूरता से पुलिस भी सकते में है।

उसे लगा था कि चेहरे पर ईंट मारने से तमीम की पहचान देर से होगी। हत्या की वजह नाबालिग आरोपित का सिरफिरा ही होना है। हत्या वाली दोपहर तमीम अपने दोस्त के साथ खेल रहा था। जब दोनों खेल रहे थे तो कई और बच्चे भी थे। चूंकि तमीम की हत्यारोपित से ज्यादा पटती थी और दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए तमीम उसके साथ दूर चला गया। फिर झाड़ियों में तमीम का दोस्त उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश करने लगा। तमीम ने विरोध कर शोर मचाया तो डर गए आरोपित ने ईंट उठाकर उसके सिर पर दे मारी। तमीम गिरा तो आरोपित ने कई बार ईंट से उस पर प्रहार किया। पुलिस आरोपित को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है। उसके खिलाफ साक्ष्य जमा कर लिए गए हैं।
छह साल के मासूम तमीम की क्रूरता से हत्या पर सवाल उठे। फिर कातिल के पकड़े जाने पर और चर्चाएं शुरू हो गईं। तमीम तो बच्चा था ही उसकी जिंदगी छीनने वाला दोस्त भी नाबालिग ही है। महज तेरह साल की उम्र के हत्यारोपित के पकड़े जाने से पूरा गांव सकते में आ गया। हालांकि हत्या के राज खुलने और पांचवीं के छात्र के पकड़े जाने के बाद गांव के लोग यही चर्चा करने लगे कि वह अजीब है, सिरफिरा है। पहले बच्चे की हत्या से बड़ी हल्दी गांव में शोक था, फिर कातिल के पकड़े जाने पर सबको सदमा लगा। तमीम और उसकी हत्या के आरोपित का घर कुछ ही दूरी पर है। दोनों सबसे ज्यादा वक्त एक साथ गुजारते थे। गांव के अन्य बच्चे यही बताते हैं कि दोनों में बहुत ज्यादा पटती थी। अब पड़ोसी के कातिल निकलने पर तमीम के घरवालों का गुस्सा बढ़ गया। पुलिस ने जब आरोपित से राज उगलवा लिए तो तमीम के घरवालों का सब्र जवाब दे गया। गांव के अन्य लोग भली आरोपित के घरवालों को बातें सुनाने लगे। यूं तो तमीम के घर बुधवार से ही चीखें गूंज रही हैं लेकिन शनिवार की रात फिर से मासूम के घरवाले बिलख पड़े। मासूम तमीम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की जाने लगीं।
छह साल के मासूम की हत्या का आरोप उसके ही 13 साल के दोस्त पर लगा है। आखिरकार किशोरवास्था में उसके मन में ऐसा क्रूर कृत्य करने का ख्याल कैसे आया इस बारे में मनोवैज्ञानिक राजकुमार राय कहते हैं कि बच्चों में इस मनोवृत्ति के लिए कहीं-कहीं न सोशल मीडिया जिम्मेदार है। राजकुमार राय कहते हैं, बच्चे मोबाइल में देखते हैं और फिर उसे करने का प्रयास करते हैं। उनमें जिज्ञासा होती है कि इससे क्या होता है। इसी जिज्ञासा को शांत करने में उनसे गलतियां हो जाती हैं। कहीं न कहीं ऐसे मामलों में अभिभावक की गलती होती है। अभिभावकों को बच्चों पर नजर रखनी चाहिए।
मनोवैज्ञानिक जयमेंद्र कुमार मौर्य कहते हैं कि बाल्यवास्था से किशोरावस्था की शुरुआत में बच्चों में उत्साह अधिक होता है। उनमें कुछ नया करने की इच्छा होती है। बच्चे आजकल मोबाइल पर वीडियो-रील्स में ऐसी चीजे देखने के बाद वह भी ऐसा करना चाहते हैं। उन्हें सही-गलत का पता नहीं होता है। इसलिए वह अपने से कमजोर पर इसे आजमाने का प्रयास करते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चे टीवी, मोबाइल में क्या देख रहे हैं। इस पर नजर रखें। क्योंकि आजकल मोबाइल और टीवी में ऐसी सामग्री बिना कुछ किए आ जाती है। ऐसे में किशोरमन में भी ऐसा ही करने के प्रति उत्साह और जिज्ञासा होती है। उन्हें सही-गलत का पता नहीं होता हे। वे सीखने और कुछ नया सीखने के चक्कर में गलत कर जाते हैं।