
कर्नाटक। असंतुष्ट भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल ने मंगलवार को अपनी पार्टी को चेतावनी दी कि अगर उन्हें पार्टी से निकाला गया तो वह कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में 40,000 करोड़ रुपये की कथित घटालों का पर्दाफाश करेंगे। उनके बयान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई अनियमितताओं के बारे में यत्नाल के आरोप उनके आरोपों का प्रमाण हैं कि भाजपा शासन के दौरान राज्य में 40 प्रतिशत कमीशन की सरकार थी।

यत्नाल ने कहा, ”कर्नाटक में भाजपा सरकार ने कोविड के दौरान भारी भ्रष्टाचार किया है। वे मुझे नोटिस दें और मुझे पार्टी से निकालने की कोशिश करें, मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा।” यतनाल ने येदियुरप्पा और उनके परिवार के खिलाफ, खासकर उनके दूसरे बेटे बी वाई विजयेंद्र को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान कोरोनो प्रबंधन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था।
विधायक ने कहा, “एक मास्क जिसकी कीमत 45 रुपये है, येदियुरप्पा, आपकी सरकार ने कोविड के दौरान उनमें से प्रत्येक पर कितना खर्च किया? उन्होंने प्रत्येक मास्क के लिए 485 रुपये की कीमत रखी थी।” भाजपा विधायक ने विजयपुरा में कहा, ”भाजपा सरकार ने बेंगलुरु में 10,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है। इन बिस्तरों को किराया पर लिया गया था। अगर खरीदा होता तो दो बिस्तर उसी कीमत पर खरीदे जा सकते थे। वे प्रति दिन 20,000 रुपये किराया देते थे। 20,000 रुपये में सेलाइन स्टैंड वाली दो खाटें खरीदी जा सकती थीं।”
इन आरोपों को लेकर दस्तावेज जारी करने के लिए पूछे जाने पर यतनाल ने कहा कि दस्तावेज लोक लेखा समिति के पास उपलब्ध थे। उन्होंने संवाददाताओं से कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल से बात करने को कहा, जो भाजपा शासन के दौरान अध्यक्ष थे। विजयपुरा विधायक ने कहा कि उन्हें लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने कहा कि वह सब कुछ सार्वजनिक कर देंगे। इसलिए उनकी नियुक्ति नहीं की गयी।
यतनाल ने दावा किया कि कोविड-19 प्रकोप के दौरान 40,000 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है। विधायक के मुताबिक, बीजेपी सरकार के दौरान हर मरीज का आठ लाख से 10 लाख रुपये तक का बिल बनाया गया था। उन्होंने कहा कि जब वह एक निजी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती थे, तो बिल 5.8 लाख रुपये था। उन्होंने कहा कि हालांकि वह सरकार से मेडिकल क्लेम पाने के हकदार हैं, लेकिन उन्होंने अपनी जेब से भुगतान करना पसंद किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यतनाल का बयान कोविड के समय में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का सबूत है।