
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरशोर से जारी है। यहां अगले साल 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को नक्शे के जरिए मंदिर से जुड़ी कई अहम बातों को समझाया। उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के जरिए यह बताया कि निर्माण कार्य कहां तक पहुंचा है और किस जगह पर क्या सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो सरयू नदी से पानी लिया जाएगा। नहीं तो, पानी जमीन से लेंगे और जमीन का पानी जमीन में ही जाएगा।

चंपत राय ने बताया कि 70 एकड़ भूमि में से अधिकतम 30 फीसदी भाग पर निर्माण हो रहा है। उत्तरी हिस्से में मंदिर बनाया जा रहा है जो कि दक्षिण की तुलना में पतला क्षेत्र है। उन्होंने कहा, ‘आप यह सवाल कर सकते हैं कि मंदिर को क्यों इतने छोटे हिस्से में बनाया गया और बड़ी वाली जगह पर क्यों नहीं? इसकी वजह यह है कि 70 साल से कोर्ट में जो याचिका दायर है वो इसी प्लाट नंबर को लेकर है। इसीलिए इसे नहीं छोड़ा जा सकता था।’
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने कहा कि राम मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया, ‘फिलहाल ग्राउंड फ्लोर तैयार हो गया है। पहले फ्लोर का काम चल रहा है और दूसरे फ्लोर की तैयारी है। इस मंदिर के चारों ओर दीवार बनाई जा रही है और इसे लेकर भी काम शुरू कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि राम मंदिर परिसर का अधिकांश हिस्सा सैकड़ों पेड़ों के साथ हरा-भरा क्षेत्र होगा। खुद के सीवेज, जल शोधन संयंत्र, एक दमकल चौकी और विशिष्ट बिजली लाइन जैसी सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर होगा।
#WATCH | Ayodhya, UP: On Ayodhya Ram Mandir construction, In charge of Temple and Parkota construction from L&T Ankur Jain, says, “As far as earthquake is concerned, if we see the IS code, it falls under Zone no. 3 but it’s designed as per Zone No. 4. CBRI Roorkee has vetted its… pic.twitter.com/Kp5Bw2g0PZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 27, 2023
चंपत राय ने मंगलवार को बताया था कि 70 एकड़ परिसर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र होगा। उन्होंने कहा, ‘हरित क्षेत्र में ऐसे हिस्से शामिल हैं, जो बहुत घने हैं और इसके कुछ हिस्सों में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से ही नीचे पहुंच पाती है।’ हरित क्षेत्र में लगभग 600 मौजूदा पेड़ संरक्षित किए गए हैं। राय ने कहा कि मंदिर परिसर अपने तरीके से आत्मनिर्भर होगा और अयोध्या नगर निगम की सीवेज या जल निकासी प्रणाली पर कोई बोझ नहीं डालेगा। उन्होंने कहा कि परिसर में 2 अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र (एसटीपी), एक जल शोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) और पावर हाउस से एक समर्पित लाइन होगी। मंदिर परिसर में एक दमकल चौकी भी होगी, जो भूमिगत जलाशय से पानी का इस्तेमाल करने में सक्षम होगी।
#WATCH | General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Champat Rai describes the map of Shri Ram Janmabhoomi temple.
He says “If needed, we will take water from the Saryu river or from the ground. But ground water will go into the ground only. Construction is… pic.twitter.com/rz1u35Q47z
— ANI (@ANI) December 27, 2023
#WATCH | Ayodhya, UP: On Ayodhya Ram Mandir construction, In charge of Temple and Parkota construction from L&T Ankur Jain, says, “As far as earthquake is concerned, if we see the IS code, it falls under Zone no. 3 but it’s designed as per Zone No. 4. CBRI Roorkee has vetted its… pic.twitter.com/Kp5Bw2g0PZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 27, 2023