
हरिद्वार: हरिद्वार के ज्वालापुर में एक एजेंसी कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगने का मामला प्रकाश में आया है। रंगदारी एक ऑटो चालक के जरिए पत्र भेजकर मांगी गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ज्वालापुरी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत पत्र भेजकर रंगदारी मांगी गई है। पत्र किसी ऑटो चालक के हाथ कारोबारी तक पहुंचाया गया है। इस पत्र को पढ़कर कारोबारी के होश उड़ गए, जिसमें 50 लाख न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है।
बता दें कि एजेंसी कारोबारी की दो पहिया वाहनों का शोरूम है। मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रंगदारी मांगने का आरोप तय
अतीक अहमद के मुकदमों में पैरवी करने वाले अधिवक्ता विजय मिश्रा इन दिनों जेल में है। उनके दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इन मुकदमों में एक उमेश पाल हत्याकांड जबकि दूसरा लकड़ी कारोबारी से तीन करोड़ की रंगदारी मांगने का दर्ज है। विजय मिश्रा के दो मुकदमों में आरोप तय हो चुका है।
अतीक के वकील सौलत हनीफ खान ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस कस्टडी में विजय मिश्रा का नाम खोला था। हनीफ ने आरोप लगाया था कि हत्या के दिन उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना विजय मिश्रा ने अशरफ और असद को अपने फोन से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से दी थी। उमेश पाल हत्याकांड मामले में विवेचना के दौरान आरोप सही पाया गया जिसके बाद चार्जशीट दाखिल की गई।
इसके अलावा अतरसुइया थाने में एक केस दर्ज किया गया था। जिसमें रंगदारी मांगने के मामले में आरोप सिद्ध हुआ है। पुलिस ने विजय के ऑडियो की फोरेंसिक जांच भी कराई थी, जिसमें यह साफ हुआ कि उसमें जिन दो लोगों की बातचीत सुनाई दे रही है, उनमें से एक आवाज विजय मिश्रा की है। दरियाबाद के रहने वाले लकड़ी कारोबारी सईद अहमद ने रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में आरोप लगाया गया था की विजय मिश्रा ने सवा लाख रुपये की प्लाई और माइका उधार लिया था। बकाया मांगने पर उसने फोन पर गालियां और धमकाया था। विजय मिश्रा कुल नौ मुकदमों में आरोपी है। जिस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। वर्तमान में उसका घर म्योराबाद में है। 2003 में झूंसी में उसके खिलाफ बलवा, मारपीट समेत अन्य धाराओं में पहला केस दर्ज हुआ।
इसके अलावा एक साल बाद मारपीट में ही झूंसी में दूसरा केस दर्ज किया गया था। 2010 में मुट्ठीगंज थाने में तीन केस दर्ज किये गए। जिसमें लूट, अवैध शस्त्र रखने व गैंगस्टर का मामला था। वहीँ 2017 में करेली थाने में धोखाधड़ी का केस लिखा गया। इसके बाद उमेश पाल हत्याकांड मामले में दो मुकदमे में आरोपी बनाया गया