
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने SAMAR एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। देश के इन-हाउस डिजाइन और डेवलपमेंट प्रयासों की दिशा में यह बड़ी सफलता है। IAF की ओर से इसे अपने पुराने रूसी मूल के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का इस्तेमाल करते हुए विकसीत किया गया है। आईएएफ अधिकारियों ने बताया, ‘भारतीय वायु सेना ने अपने इन-हाउस डिजाइन और डेवलप्ड SAMAR एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का सफल फायरिंग ट्रायल किया। वायु सेना स्टेशन सूर्यलंका में हाल ही में आयोजित अभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 के दौरान यह कामयाबी मिली। वायु रक्षा प्रणाली ‘SAMAR’ को भारतीय वायुसेना के मेंटेनेंस कमांड के तहत एक यूनिट की ओर से डेवलप किया गया है।’

इस मिसाइल सिस्टम को पहली बार एक्सरसाइज में शामिल किया गया, जिसका मकसद सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों का टेस्ट करना और उनके ऑपरेशनल फील्ड ट्रायल को अंजाम देना रहा। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल सिस्टम ने विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में फायरिंग ट्रायल टारगेट को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया। यह सिस्टम 2 से 2.5 मैक की गति वाली मिसाइलों के हवाई खतरों का सामना कर सकता है। IAF अधिकारियों ने कहा कि SAMAR सिस्टम में ऐसा लॉन्च प्लेटफॉर्म लगा है, जो खतरा होने पर सिंगल और सैल्वो मोड में 2 मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है।
मालूम हो कि इस मिसाइल सिस्टम का प्रदर्शन पहले ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और वायु सेना वाइस चीफ एयर मार्शल एपी सिंह देख चुके हैं। इंडियन एयरफोर्स के मेंटेनेंस कमांड के चीफ एयर मार्शल वीभास पांडे ने हवाई अड्डे का दौरा किया। पांडे ने उन अधिकारियों और कर्मियों सहित क्रू मेंबर्स से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस सिस्टम को इन-हाउस विकसित करने के लिए काम किया है। बता दें कि वायुसेना ने दूसरी हथियार प्रणालियों का भी परीक्षण किया और इसमें अहम सफलता हासिल की। भारतीय वायु सेना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत काम कर रही है।
दूसरी ओर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को हैदराबाद के बाहरी इलाके डंडीगल में वायु सेना अकादमी में 212 ऑफिसर्स कोर्स की संयुक्त स्नातक परेड (CGP) की समीक्षा की। पासिंग आउट परेड भारतीय वायु सेना में विभिन्न शाखाओं के फ्लाइट कैडेटों के प्री-कमीशन प्रशिक्षण के सफल समापन का प्रतीक है। कार्यक्रम के दौरान राजनाथ ने स्नातक प्रशिक्षुओं को राष्ट्रपति कमीशन प्रदान किया। समारोह में फ्लाइट कैडेटों को विंग्स और ब्रेवेट्स की प्रस्तुति, उड़ान और नेविगेशन प्रशिक्षण पूरा करना शामिल है। समारोह में ‘विंग्स’ और ‘ब्रेवेट्स’ की प्रस्तुति शामिल है जो प्रत्येक सैन्य एविएटर के करियर में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और प्रशिक्षण की एक कठिन अवधि का नतीजा है।
The Indian Air Force has carried out the successful firing trials of its in-house designed and developed SAMAR air defence missile system during exercise AstraShakti-2023 at Air Force Station Suryalanka held recently. The air defence system ‘SAMAR’ (Surface-to-air missile for… pic.twitter.com/Qdb2kFYBoA
— ANI (@ANI) December 17, 2023