
प्रयागराज: मां की हत्या के बाद सूटकेस में लाश लेकर 877 किलोमीटर का सफर किया और संगम पहुंचा। यहां हत्यारोपी हिमांशु 12वीं का छात्र गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि मां की हत्या के बाद उसे पछतावा होने लगा। आत्मग्लानि होने पर उसने मोक्ष के लिए मां के शव को संगम में प्रवाहित करने को सोचा। उसके पिता ओम प्रकाश गांव(झझवां बाजार, करासघाट, गोपालगंज बिहार) में रहते हैं। हिमांशु बिहार से ही ऑनलाइन इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है। हिमांशु की बहन शादी के बाद हिसार में ही रहती है। दारागंज पुलिस ने उसको गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ शुरू की तो बोला कि वह मानसिक बीमार है। उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की तो वह बोला कि मां को मारना नहीं चाहता था, सिर्फ बेहोश करना चाहता था। गला दबाकर बेहोश करना चाहा लेकिन उसकी मां की मौत हो गई।

इसके बाद उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। सोचा कि शव लेकर पिता के पास गांव चला जाएगा लेकिन मां की हत्या के बाद उसे पछतावा होने लगा। आत्मग्लानि होने पर उसने मोक्ष के लिए मां के शव को संगम में प्रवाहित करने को सोचा। इसके बाद ट्रॉली सूटकेस में लाश लेकर वह संगम आ गया। यहां पर प्रवाहित करने से पहले ही पकड़ लिया गया। डीसीपी दीपक भूकर ने बताया कि दारागंज पलिस की सक्रियता काम आई। गुरुवार रात दो बजकर 40 मिनट पर दारागंज थाने में तैनात दरोगा नाहर सिंह अपने हमराही विवेक सिंह और अंशुल यादव के साथ सरकारी जीप से नाइट गश्त पर थे।
ईगल से सिपाही प्रमोद व ज्ञानेंद्र संगम नोज की भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान हिमांशु यमुना पट्टी में पीठ पर बैग और हाथ में ट्रॉली सूटकेस लिए नजर आया। पहले तो हिमांशु ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन सूटकेस खोलते ही महिला की लाश मिली। पुलिस ने बताया कि सूटकेस में महिला के शव के साथ उनके कपड़े और पर्स आदि सामान से पूरा भर दिया था ताकि किसी को शक न हो। दारागंज इंस्पेक्टर ने बताया कि अभी तक हिमांशु के पिता ओम प्रकाश आ गए हैं। शनिवार को शव का पोस्टमार्टम होगा।