
जयपुर: राजस्थान सहित कई राज्यों में 25 साल बाद इस बार प्याज की कीमतें 80-100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को निर्यात पर रोक लगानी पड़ी। इससे कीमतों में कुछ कमी हुई। लेकिन सरकार को अब भी डर है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाव वापस बढ़ सकते हैं। ऐसे में कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने पहली बार उद्यान विभाग को किसानों से संपर्क कर प्याज का रकबा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सीजन के दौरान चार से छह रुपए किलो भावाें में बिकने वाले प्याज की सरकारी खरीद और सब्सिडी जैसा कोई विकल्प नहीं दिया।

इसके लिए सिर्फ संगोष्ठी, प्रशिक्षण व प्रचार-प्रसार की हिदायत दी गई है। रकबा बढ़ाने के लिए किसानों के सामने दो बड़ी परेशानी है। पहली, प्याज की पौध बुआई का समय सितंबर-अक्टूबर में खत्म हो चुका है। दूसरी, किसानों के पास बुआई के लिए प्याज की पौध नहीं हैं। पिछले कुछ सालों से सीजन के दौरान प्याज के भाव नहीं से किसान बुआई से किनारा करने लगे हैं। ऐसे में इस बार करीब 30 फीसदी कम पौध तैयार की। बुधवार काे उद्यान आयुक्तालय जयपुर से आयुक्त लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने जयपुर, जाेधपुर, सीकर, झुंझुनूं, नागाैर व बीकानेर उपनिदेशक काे प्याज का रकबा बढ़ाने के आदेश जारी किए है। फील्ड ऑफिसर व कर्मचारी प्याज बुआई वाले क्षेत्र में किसानाें से संपर्क कर बुआई बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे।