
भोपाल: मध्य प्रदेश में दो छात्रों ने जज की कार छीन ली थी। दोनों का उद्देश्य एक वाइस चांसलर को अस्पताल पहुंचाना था। इसके आरोप में दोनों को जेल हो गई थी। अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से दोनों को जमानत मिल गई है। बताया जा रहा है कि एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल का असर हुआ है। जज की कार छीनने के आरोप में छात्रों को जेल भेज दिया गया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों को जेल हो जाने के बाद राज्य के पू्र्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव छात्रों के साथ खड़े दिखे थे।

जज की कार छीनने वाले दोनों छात्रों पर लूट और डकैती का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद छात्रों को जेल भेज दिया गया था। अब हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने दोनों मानवीय आधार पर जमानत दी है। बताया जा रहा है कि दोनों छात्रों का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था इसलिए कोर्ट से जमानत मिल गई है। अब दोनों छात्रों की रिहाई होनी है।
बीते बुधवार को ग्वालियर की जिला एवं सत्र अदालत ने दोनों छात्रों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। वकीलों और पुलिस के विरोध नहीं करने पर न्यायाधीश सुनीता यादव की एकल पीठ ने सोमवार को हिमांशु श्रोत्री (22) और सुकृत शर्मा (24) को जमानत दे दी। वकील भानु प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि हाई कोर्ट ने मानवीय आधार पर यह कहते हुए जमानत स्वीकार कर ली है कि यह काम आपराधिक नीयत से नहीं किया गया बल्कि किसी की जान बचाने के लिए किया गया था।
एबीवीपी के कुछ छात्र दिल्ली से मध्य प्रदेश लौट रहे थे। इस दौरान ट्रेन के अंदर ही वाइस चांसलर को दिल का दौरा पड़ा। दिल का दौरा पड़ने के बाद छात्रों ने वाइस चांसलर को ट्रेन से उतारकर अस्पताल पहुंचाया था। वाइस चांसलर को अस्पताल पहुंचाने के लिए छात्रों ने एक कार छीन ली थी। अस्पताल पहुंच जाने के बाद वाइस चांसलर की मौत हो गई थी। बाद में छात्रों को पता चला कि जो कार उन्होंने छीनी थी वो हाईकोर्ट के जज की थी। इस मामले में एबीवीपी के छात्रों पर लूट का मामला दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल के बाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है।
एबीवीपी छात्रों पर मामला दर्ज होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। मामले की खबर लगने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज छात्रों के साथ खड़े नजर आए थे। दोनों ने छात्रों का समर्थन करते हुए उनके लिए पहल की थी। अब उनकी पहल का असर दिखा है। हाईकोर्ट ने सभी छात्रों को जमानत दे दी है।
संगठन के छात्रों को जेल हो जाने के बाद एबीवीपी के सदस्य छात्रों ने ग्वालियर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। विरोध करते हुए छात्रों का कहना था कि एबीवीपी के छात्रों ने कुछ गलत नहीं किया है बल्कि मानवता का धर्म निभाते हुए कार छीनी थी। इस मामले पर कहा जा रहा था कि छात्रों का वाइस चांसलर की मदद करने का तरीका भले अच्छा ना रहा हो लेकिन उनकी नीयत बस मदद करने की थी। इसलिए उन्होंने कार छीनी थी। हालांकि, अब हाईकोर्ट ने सभी को जमानत दे दी है।