
राजमहेंद्रवरम : युवाओं से तेलुगु भाषा की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान करते हुए मिजोरम के राज्यपाल कंभमपति हरिबाबू ने कहा, “अपनी मातृभाषा का सम्मान करना और उसे पहचानना हमारी सभ्यता के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।” शनिवार को गोदावरी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में चल रहे तेलुगु विश्व सम्मेलन के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा, “हमें कवियों, लेखकों, कलाकारों और गायकों की उतनी ही जरूरत है जितनी हमें डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की है।”

उन्होंने आगे कहा कि तेलुगु कविता एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है जो सामाजिक परिवर्तन को तेज कर सकती है। क्षेत्र में सामाजिक परिवर्तन को तेज करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में काम करने वाले वेमना, सुमति और कृष्ण सातकम की सराहना करते हुए उन्होंने तेलुगु लोगों से भाषा का सम्मान करने और उसे पहचानने का आग्रह किया।
गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएच मानवेंद्रराय, पूर्व सांसद यारलागड्डा लक्ष्मी प्रसाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता सोमू वीरराजू, आंध्र सारस्वत परिषद के अध्यक्ष गजल श्रीनिवास और आयोजक डॉ चैतन्य राजू उपस्थित थे।
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