
नागपुर: महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने विशेष सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) न्यायाधीश बी. एच. लोया की मौत की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने की मंगलवार को मांग की।
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दानवे ने कहा कि अगर सरकार दिशा सालियान की मौत के मामले की एसआईटी जांच शुरू कर रही है तो न्यायाधीश लोया की मौत के मामले में भी ऐसा ही होना चाहिए।
लोया संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। उनकी एक दिसंबर 2014 को नागपुर में कथित रूप से हृदय गति रुकने से उस समय मृत्यु हो गई थी, जब वह एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।
पिछले साल के शीतकालीन सत्र में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि नौ जून, 2020 को हुई सालियान की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। मुंबई पुलिस के अनुसार सालियान ने आत्महत्या की थी।
कुछ नेताओं का आरोप है कि उनकी हत्या की गई है और उन्होंने इस मामले में शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे को घसीटना चाहा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधान पार्षद (एमएलसी) प्रवीण दारेकर ने हाल में कहा था कि कई नेता लंबे समय से मांग कर रहे थे कि मामले में एसआईटी का गठन किया जाए। एक अन्य भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने कहा था कि एसआईटी (सालियन के मामले के बारे में) सभी संदेह दूर कर देगी।
दिशा सालियान के मामले में एसआईटी जांच से जुड़े एक सवाल के जवाब में शिवसेना (यूबीटी) नेता दानवे ने मंगलवार को कहा कि यह घोषणा पिछले साल भी की गई थी और अब तक कई बार जांच हो चुकी हैं।
दानवे ने नागपुर में विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि न्यायाधीश लोया की मौत की भी एसआईटी जांच कराई जाए। अगर आप दिशा सालियान की मौत की जांच करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। राजनीति की जा रही है। सरकार को न्यायाधीश लोया की मौत की भी जांच करानी चाहिए।’’
वर्तमान में नागपुर स्थित विधान भवन परिसर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है। अनुसार सरकार द्वारा बृहन्मुंबई महानगरपालिका की लेखा परीक्षा शुरू करने के सवाल पर दानवे ने कहा कि सरकार को नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे और ठाणे के नगर निगमों की भी लेखा परीक्षा करानी चाहिए।