
जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल द्वारा कोचों और वैगनों का रूटीन ओवर हॉलिंग करके अधिक से अधिक पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग) आउटटर्न किया जा रहा है। पश्चिम मध्य रेल के अनुरक्षण डिपों में पिछले नौ महीनों में अब तक अधिक से अधिक कोचों/वैगनों का अनुरक्षण करके बेहतर प्रदर्शन किया गया है।
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पश्चिम मध्य रेल द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से दिसम्बर 2023 तक यानी नौ महीनों में सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 6045 कोचों/वैगनों का पिरियोडीक ओवर हॉलिंग आउटटर्न किया, जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 1003 कोचों का अनुरक्षण किया तथा कोटा वर्कशॉप ने 5042 वैगनों की मरम्मत करके आउटटर्न किया है। अकेले दिसम्बर माह की बात करें तो सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 694 कोचों/वैगनों का पीरियोडिक ओवर हॉलिंग आउटटर्न किया। जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना भोपाल ने 129 कोचों का अनुरक्षण किया और कोटा वर्कशॉप ने 565 वैगनों की मरम्मत करके आउटटर्न किया है।
उल्लेखनीय है कि सीआरडब्लूएस भोपाल कोचों का पीओएच और डब्ल्यूआरएस कोटा वैगनों का पीओएच करती है। जहाँ पर वैगनों का पीओएच (पिरियोडीक ओवर हॉलिंग) 04/06 वर्ष में एक बार किया जाता है, तथा कोचों का पीओएच 12 से 18 महीनों में एक बार किया जाता है।
पिरियोडिक ओवर हॉलिंग (पीओएच) के दौरान निम्न कार्य किये जाते हैं :-
* कोच और वैगन के बॉडी और अंडर गियर की मरम्मत की जाती है, जिससे यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव दिया जा सके और परिचालन में सरंक्षा सुनिश्चित की जा सके।
* कोचों और वैगनों के नीचे ट्रॉली, बोगी के सभी पार्ट्स की मरम्मत की जाती है, जो सरंक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
* एयर ब्रेक सिस्टम के सभी पार्ट एवं वैगनों और कोचों के दोनों ओर के बफ़र की मरम्मत की जाती है जिससे सरंक्षा में बढ़ोत्तरी एवं जर्क फ्री राइडिंग का अनुभव होता है।
* व्हील और एक्सल की मरम्मत एवं रखरखाव किया जाता है, जिससे सुरक्षा में इजाफा होता है।