
रायसेन। सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जहां रेलिंग टूटी है, उसे दुरुस्त कराया जाएगा। खराब सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। पुलों पर रेलिंग लगाने के भी निर्देश दिए हैं। इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी, ताकि समय पर काम हो जाए।अरविंद दुबे, कलेक्टर रायसेन

जिले के नेशनल हाइवे स्टेट हाइवे और उनके पुलों पर सुरक्षा के इंतजाम कमजोर हैं।जिससे आए दिन सड़क हादसे होते हैं। जिसकी चिंता सड़क सुरक्षा समिति रायसेन को भी है। समिति ने ऐसे कुछ ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर वहां सुरक्षा मजबूर करने के निर्देश भी दिए हैं। ऐेसे स्थानों पर हर दूसरे दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें लोग घायल हो रहे हैं। कई बार हादसे जानलेवा तक हो जाते हैं। हालांकि ऐसे स्पॉट को दुरुस्त कर हादसे रहित बनाने के निर्देश पहले भी दिए जा चुके हैं।
सबसे खास बात यह भी है कि सबसे बड़ा खतरा विश्व पर्यटन स्थल सांची में है।जहां सड़क चौड़ी कर बीच में डिवाइडर बनाया गया था, जिस पर रैलिंग लगाई गई थी। कुछ ही दिनों में उक्त रैलिंग जगह-जगह से बिखर गई। जिनसे होकर स्कूली बच्चे और लोग सड़क पार करते हैं। आवारा व पालतू जानवर भी इन टूटी रैलिंग से पार होकर अचानक वाहनों के सामने आ जाते हैं। जिससे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ऐसी दुर्घटनाएं सांची में हर दूसरे दिन होती हैं। कई बार तो तेज रफ्तार वाहन इन रैलिंग से टकराकर पलट चुके हैं।
सांची में ही दूसरा खतरनाक स्पॉट ओवरब्रिज बन गया है। जिसका शुभारंभ होते ही एक शिक्षिका काम दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। ओवरब्रिज पर ठेकेदार ने बाउंड्रीवॉल तो बना दी है। लेकिन रेलिंग नहीं लगाई है, जिससे लोग आसानी से बाउंड्री वॉल पर चढ़ सकते हैं। नीचे से रेलवे ट्रैक है, जहां भी ऐसा ब्रिज बनाया जाता है, उस पर रैलिंग जरूरी लगाई जाती है।ताकि कोई ट्रैक पर कूद न सके।
इसी तरह समिति सेंडोरा-सदालतपुर-रायसेन तिराहा को चिह्नित किया है। जो जगह-जगह से छतिग्रस्त हो गया है, जिससे आए दिए दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिसकी मरम्मत कराने के निर्देश दिए हैं। भोपाल रोड पर खरबई में भी सांची की तरह डिवाइडर पर लगी रेलिंग जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जो हादसों का कारण बन रही है।कुछ तो व्यापारियों शराब दुकानदार ने ग्राहकों को आने के लिए तोड़फोड़ कर रास्ता सुगम बना लिया है।इसके अलावा दरगाह रीछन नदी पुल की रैलिंग, घोड़ापछाड पुल सलामतपुर के आगे हाइवे की रैलिंग भी क्षतिग्रस्त पड़ी है।जिससे कभी कोई बड़ी सड़क दुर्घटना घटित हो सकती है।
सांची में हाइवे किनारे कई होटल हैं, बताया जाता है कि उनके सामने यदि रेलिंग किसी वाहन के टकराने से थोड़ी छतिग्रस्त हुई तो होटल संचालक ने उसे और तोड़कर निकलने का रास्ता बना लिया है।
सुरक्षित तरीके से वाहन चालन भी जरूरी
सड़क पर वाहन चलाने के लिए जितनी सुरक्षित सड़क जरूरी है, उतना ही वाहनों का सुरक्षित ढंग से चलाना भी जरूरी है। सुरक्षित यातायात के लिए हाईकोर्ट ने भी हाल ही निर्देश जारी किए हैं। जिनमें नियमानुसार वाहन नहीं चलाने वालों पर किए जाने वाले चालान की दरें नए सिरे से तय की है।
बिना लाइसेंस की गाड़ी चलाने पर -जुर्माना 3000
ओवर स्पीडिंग पर- 3000
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करने पर -3000
अनफिट छोटे वाहन पर -5000
अनफिट बड़े वाहन पर- 10000
बिना बीमा के गाड़ी चलाने पर- 3000
बिना हेलमेट की गाड़ी चलाने पर- 300
प्रतिबंधित इलाके में हॉर्न बजाने पर -2000
वायु एवं ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर -10000
नाबालिग दुर्घटना करते हैं तो -25000