डबल डेकर एलिवेटेड कोरिडोर में भरना पड़ेगा टोल

झारखण्ड | एनएच-33 पर पारडीह से बालीगुमा के बीच प्रस्तावित डबल डेकर एलिवेटेड कोरिडोर का यदि निर्माण हुआ, तो इस पर चलने वालों को जेब ढीली करनी पड़ेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे गुजरने के लिए टोल टैक्स चुकाना होगा.
इस परियोजना की कंसल्टेंट सीइजी जयपुर को टोल परियोजना के हिसाब से इसका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए कहा गया है. गत दिन रांची में इस मसले पर एनएचएआई के उच्चाधिकारियों की बैठक में इस आशय का निर्णय हुआ. ऐसा हुआ तो किसी फर्म को इस कोरिडोर को 20-30 साल के लिए सौंप दिया जाएगा. फिर वही इसका रख-रखाव करेगी और टोल वसूलेगी. बताया गया है कि कंसल्टेंट फर्म उसी के हिसाब से डीपीआर बनाने में जुट गई है.
उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई 2022 को सिर्फ जमशेदपुर ही नहीं, झारखंड ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास देवघर से प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन किया था. इसकी लंबाई 10.04 किलोमीटर है. इसके बन जाने से भारी या हल्के वाहनों को शहर के भीड़ वाले इलाके डिमना से पारडीह के बीच एक अतिरिक्त रास्ता मिल जाएगा, जिससे वे जाम में नहीं फसेंगे. दरअसल यह परियोजना औद्योगिक शहर पर भविष्य में यातायात के दबाव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है. 500 करोड़ से अधिक घटाई लागत एक साल पहले जब परियोजना का शिलान्यास हुआ था तब इसकी लागत 1876 करोड़ बताई गई थी. परंतु अब जब इसकी डिजाइन फाइनल की गई है तो लागत करीब 1350 करोड़ रुपए हो गई है. ऐसे में एक झटके में लागत करीब सवा पांच सौ करोड़ रुपए घट गई है.
एक साल से चल रहा डिजाइन पर काम
इस परियोजना के लिए सांसद विद्युत वरण महतो ने भी प्रयास किया था. केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने परियोजना को मंजूरी भी दे दी. परंतु बाद में इसकी लागत अधिक होने को लेकर डिजाइन में बदलाव की बात उठी. इसके कारण विभिन्न विशेषज्ञ फर्मों को इस पर शोध करने की जवाबदेही सौंपी गई. और यह काम लंबे समय तक चला. हालांकि अब बताया जा रहा कि इसे फाइनल कर दिया गया है. परंतु इसका खुलासा डीपीआर जारी होने के बाद ही चलेगा.
