पगड़ी के आकार के ट्यूलिप की दुनिया में 3 हजार से अधिक किस्में

भोपाल: ट्यूलिप बहुत ही खूबसूरत फूल होता है. इसका ज्यादातर उपयोग गुलदस्ते और सजावट में किया जाता है लेकिन यह व्यंजनों में भी काम में लिया जाता है. ‘ट्यूलिप’ शब्द की उत्पत्ति फारसी शब्द ‘डेलबैंड’ से हुई है. जिसका अर्थ है ‘पगड़ी’. इस फूल का आकार भी पगड़ी जैसा होता है. इसका एक कारण और भी हो सकता है. दरअसल, पुराने जमाने में तुर्की के स्थानीय लोग अक्सर अपने पगड़ी को ट्यूलिप के तनों से सजाते थे और यह उनके फैशन का एक हिस्सा था. दुनिया में ट्यूलिप की 3 हजार से अधिक किस्में पाई जाती हैं जिनकी 150 से भी अधिक प्रजातियां हैं. ट्यूलिप को हिंदी में ‘कंद-पुष्प’ कहते हैं. इस फूल की कलियां सुडौल होतीं हैं और यही इनकी सबसे बड़ी खासियत है. ट्यूलिप दुनिया के सबसे पसंदीदा फूलों में से एक है. गुलाब के बाद सबसे ज्यादा इसे पसंद किया जाता है. ट्यूलिप लिली फूल की प्रजाति का ही एक हिस्सा है. इस फूल की खेती ज्यादातर पहाड़ी इलाके में की जाती है. बताया जाता है कि ट्यूलिप के फूल किसी जमाने में बहुत ही महंगे हुआ करते थे, जिसे खरीद पाना आम इंसान के बस की बात नहीं थी. सन् 1600 के दशक में इसकी कीमत आसमान छूने लगी थी. कई बार तो इसकी कीमत इतनी थी कि इसके बदले एक घर खरीदा जा सकता था. सन 1634 से 1637 के समयकाल को ‘ट्यूलिप मानिया’ नाम दिया गया था, इस दौरान ट्यूलिप फूलों की कीमत सबसे ज्यादा थी.
ठंडे प्रदेशों में उगाया जाता है

3 से 7 दिनों तक खिलता है फूल
यह फूल नीले रंग के अलावा लगभग हर रंग में पाए जाते हैं. ट्यूलिप का पौधा आप फूलदान में लगाएं या कहीं भी लगाएं, इनके फूल प्रकाश की दिशा में मुड़ते और झुकते हैं. ट्यूलिप में सामान्यत: एक तने में केवल एक फूल होता है, लेकिन कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं, जिनमें एक तने पर 4 फूल खिलते हैं. ट्यूलिप तुर्की और अफगानिस्तान का राष्ट्रीय फूल है. यह फूल केवल वसंत ऋतु में सिर्फ 3 से 7 दिनों के लिए ही खिलते हैं. पूरी दुनिया में नीदरलैंड ट्यूलिप का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. हर साल लगभग तीन बिलियन फूल निर्यात किए जाते हैं.