
जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने आज सचिव भरत सिंह के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पंजाबी ग़ज़ल लेखक और उपन्यासकार प्रोफेसर सुरिंदर सिंह सीरत के साथ एक साहित्यिक कार्यक्रम ‘रू-बा-रू और पुस्तक परचोल’ का आयोजन किया। जेकेएएसीएल.
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इस अवसर पर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के मनजिंदर सिंह मुख्य अतिथि थे, जबकि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के डॉ. गुरपाल सिंह संधू ने समारोह की अध्यक्षता की।प्रोफेसर (डॉ.) बलजीत कौर, एचओडी पंजाबी, जम्मू विश्वविद्यालय और डॉ. कंवर जसमिंदर पाल सिंह, प्रोफेसर, स्टेट कॉलेज, पटियाला विशेष अतिथि थे।
पोपिंदर सिंह पारस, वरिष्ठ संपादक शीरज़ा पंजाबी और डॉ. मोहन त्यागी (पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला) भी अध्यक्ष मंडल में उपस्थित थे।
स्वागत भाषण में पोपिंदर सिंह पारस ने कहा कि अकादमी द्वारा समय-समय पर प्रख्यात लेखकों और अन्य हस्तियों के साथ बेहतर संवाद के लिए रु-बा-रू श्रृंखला के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं।
इस अवसर पर ‘जंग जारी है’ नामक काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। प्रोफेसर सुरिंदर सिंह सीरत के जीवन, रचनात्मकता और योगदान पर तीन पेपर डॉ. गुरप्रीत कौर (जम्मू विश्वविद्यालय), डॉ. एमपी सिंह (कश्मीर) और डॉ. मोहन त्यागी (पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला) द्वारा प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पीयू चंडीगढ़ के डॉ. गुरपाल सिंह संधू ने कहा कि जारी पुस्तक में शामिल कविता अपनी सामग्री और विषयों के संबंध में एक सार्वभौमिक अपील है जो विषमताओं के साथ मानव जाति के संघर्ष को दर्शाती है।
इस अवसर पर प्रोफेसर सुरिंदर सिंह सीरत, डॉ. मनजिंदर सिंह, डॉ. कंवर जसमिंदर पाल सिंह, बीबी सुरजीत कौर और अजीत सिंह मस्ताना ने भी अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन प्रमुख उपन्यासकार सुरिंदर नीर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पोपिंदर सिंह पारस ने किया।