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कौशल विकास विभाग के आयुक्त सचिव, सौरभ भगत ने आज जम्मू-कश्मीर में पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
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उन्होंने यूटी में इस महत्वाकांक्षी सरकारी पहल के कार्यान्वयन पर प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन किया। उन्होंने योजना के तहत शामिल किए जाने वाले पारंपरिक कारीगरों, बढ़ई, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाइयों के कौशल को बढ़ाने पर जोर दिया।
कलाकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी, बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण सहित कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, 1 लाख रुपये तक संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट सहायता (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन और विपणन सहायता के लिए प्रोत्साहन के अलावा पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर।
भगत ने सभी हितधारक विभागों के बीच अधिक समन्वय पर जोर दिया और पहचाने गए विश्वकर्माओं के कौशल को बढ़ाने में कौशल विकास विभाग से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
बैठक के दौरान उद्योग और वाणिज्य विभाग ने हितधारकों के बीच पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकृत आवेदकों की अद्यतन सूची साझा की, जिसे दैनिक आधार पर अपडेट किया जा रहा है। विभाग ने आगे बताया कि पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर अब तक इच्छुक आवेदकों के लगभग 68,476 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
दर्जी, बढ़ई, राजमिस्त्री, नाई और टोकरी निर्माता सहित पांच व्यवसायों के तहत लेवल 3 सत्यापन में लगभग 2,334 उम्मीदवारों को मंजूरी दे दी गई है। जम्मू, अनंतनाग, कुलगाम, उधमपुर, पुलवामा और शोपियां सहित जिलों में अधिकतम स्तर तीन सत्यापित पंजीकरण हैं।