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राज्य सरकार अपने सभी विभागों और आम जनता को आपदा प्रतिरोधी इमारतों के निर्माण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करेगी, जिससे क्षति को कम किया जा सके।
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इस वर्ष अभूतपूर्व भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुई क्षति के मद्देनजर, सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण के लिए “बिल्ड बैक बेटर” पद्धति का पालन करने के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क द्वारा सुझाई गई पुनर्निर्माण रणनीतियों को अपना रही है।
इस क्षेत्र में काम करने वाले प्रख्यात शोधकर्ता, जिनमें मुख्य वैज्ञानिक अजय चौरसिया; आशीष पीपल, वैज्ञानिक ई; और सीबीआरआई-रुड़की के तकनीकी अधिकारी एचके जैन; और एनआईटी-हमीरपुर के एसोसिएट प्रोफेसर हेमंत विनायक; 19 दिसंबर को एक वेबिनार के माध्यम से प्रतिभागियों के साथ बातचीत करेंगे।
निदेशक-सह-विशेष सचिव (राजस्व) डीसी राणा ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को खतरों से सुरक्षा के रूप में खराब नींव, स्लाइडिंग/डूबने वाले क्षेत्रों में निर्माण और खड़ी ढलानों जैसी आपदा कमजोरियों को कम करने के बारे में शिक्षित करना था।