
धर्मशाला। विधानसभा के तपोवन विंटर सेशन के आखिरी दिन विपक्ष की हलकी आपत्ति के बावजूद आखिरी दिन शनिवार को राज्य सरकार की ओर से सदन में रखे गए तीनों विधेयक पास हो गए। इनमें से एक बिल वाटर सेस कमीशन को लेकर था, जिसे अब वाटर कमीशन बना दिया है। दूसरे बिल के जरिए राजस्व विभाग की तरफ से स्टांप एक्ट में भी संशोधन किया गया। इस माध्यम से राज्य सरकार ने माईनिंग लीज पर स्टांप ड्यूटी बढ़ाई है।
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यह मार्केट वैल्यू या रॉयल्टी में से जो भी ज्यादा हो, उसका 6 फ़ीसदी होगी। कंपनियों के मर्जर या अमाल्गामेशन पर भी अब हिमाचल सरकार 8 फीसदी स्टैंप ड्यूटी लेगी। तीसरे बिल के माध्यम से एक संशोधन हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा कचरा नियंत्रण अधिनियम में हुआ। इसमें पहले सिर्फ प्लास्टिक को ही लिया जाता था, लेकिन अब ऐसी सामग्री को भी नॉन बायोडिग्रेडेबल कैटेगरी में माना जाएगा, जो 35 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड की विशिष्ट तापमान स्तर पर 6 महीने तक गलता नहीं है या खाद में कन्वर्ट नहीं होता है।