
पुन्हाना। 17 जनवरी को पूर्व मंत्री चौधरी मरहूम अजमत खां की 30 वीं बरसी मनाई जाएगी। बरसी को लेकर पुन्हाना पटाकपुर मोड़ शिकरावा रोड स्थित रहीश फार्म हाउस पर में एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर पूर्व मंत्री को खिराजे अकीदत पेश करेंगे। यह जानकारी देते हुए पूर्व विधायक रहीशा खान ने बताया कि मरहूम अजमत खां आज भले ही इस दुनिया ना हो, लेकिन इसके बाद भी वो लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। जिसमे हल्के के सभी गांवों के लोग पहुंचकर दावत लेने के साथ ही पूर्व मंत्री को श्रंदाजली देंगे। पूर्व विधायक रहीशा खान ने लोगों से अपील की है कि हल्के के पंच-सरंपच सहित सभी लोग कार्यक्रम में पहुंच कर चौधरी अजमत खान की बरसी में शामिल हो। पूर्व मंत्री मरहूम चौधरी अजमत खान का जिले की ही नहीं बल्कि प्रदेश की सियासत में बडा नाम है। उन्होंने न केवल शिक्षा रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं बल्कि जिले के विकास में अहम भूमिका निभाई। आज भले ही वो दुनिया में न हो लेकिन 17 जनवरी को जिले भर में उनकी वर्षगांठ मनाकर उन्हें श्रंदाजली देकर याद किया गया। हालांकि उनकी सियासत को उनके बडे बेटे पूर्व मंत्री आजाद मोहम्मद व छोटे बेटे पूर्व मंत्री रहीशा खान निभाते हुए बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन लोगों को अभी भी अजमत खान की कमी खलती है। मरहूम चौधरी अजमत खान ने छोटे से एक गांव नीमखेडा में 23 नवंबर 1935 में जन्म लिया।

जिसके बाद उन्होंने मौजूदा समस्याओं को देखते हुए राजनीति में कदम रखा। जहां से 1964 से 1987 तक गांव के सरपंच रहकर लोगों की सेवा की। इस दौरान 1964 में डोंडल, नीमखेडा, बडेढ़, गोकलपुर, ऐंचवाडी सहित गांवों में आई बाढ़ से ग्रस्त लोगों को 2 माह तक मुफ्त खाना पहुंचाने के साथ ही फेरचर आयोग से उनका कर्ज माफ कराया। इसके साथ ही उनके पुर्नवास के लिए रजाई, कंबल, चारपाई व रोजमर्रा की जरूरत के सामान बांटे। उनकी बढ़ती लोक प्रियता और लोगों की मांग पर उन्होंंने 1987 में फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से विधायक पद पर चुना लडा। चुनाव जीतने के साथ ही प्रदेश में केबीनेट राज्य मंत्री बने। इस समय में उन्होंने मंत्री पद के साथ ही मार्केट कमेटी के चेयरमैन पद पर रहते हुए हल्के के ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोगों की सेवा की। अपने मंत्री पद के कार्याकाल में मेवात के काफी युवाओं को नौकरी दिलाकर रोजगार दिया। अंग्रेजों के समय से अधूरी पडी बींवा सडक़ को पक्का कराया, फिरोजपुर झिरकार में अदालत खुलवाई, जिले के हर एक गांव में पशु अस्पताल व डिस्पेंशरी खुलवाई, मेवात के बिजली तंत्र को मजबूत करते हुए गांव-गांव तक बिजली पहुंचाई, लिंक रोडों को पक्का कराने के साथ ही नए स्कूल खुलवाएं और काफी स्कूलों को अपग्रेड कराएं। उनका सपना था कि हर घर से एक युवक नौकरी लगकर घर को समद्व बना सके। 17 जनवरी 1994 को वो अपने एक करीबी मरीज को गुडगांव के अस्पताल में देखने गए थे। जहां पर अचानक दिल का दौरा पडने पर उनका देहांत हो गया। देहांत के बाद उनके शव का पैतृक गांव नीमखेडा लाया गया। जहां पर लाखों लोगों की मौजूदी में भीनी पलकों से उन्हें सुपर्द-ए-खाक किया गया।
17 जनवरी को भले ही उनकी मौत ने उन्हें लोगों से दूर कर दिया हो, लेकिन उनके द्वारा किए गए नेक कार्यों के चलते आज भी वो हजारों लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। आज भले ही वो दुनिया में न हो लेकिन 17 जनवरी को जिले भर में उनकी वर्षगांठ मनाकर उन्हें श्रंदाजली देकर याद किया जाता है। हालांकि उनकी सियासत को उनके बडे बेटे पूर्व मंत्री आजाद मोहम्मद व छोटे बेटे पूर्व राज्य मंत्री रहीशा खान निभाते हुए बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन लोगों को अभी भी अजमत खान की कमी खलती है। मरहूम चौधरी अजमत खान ने छोटे से एक गांव नीमखेडा में 23 नवम्बर 1935 में जन्म लिया। जिसके बाद उन्होंने मौजूदा समस्याओं को देखते हुए राजनीति में कदम रखा। जहां से 1964 से 1987 तक गांव के सरपंच रहकर लोगों की सेवा की। इस दौरान 1964 में डोंडल, नीमखेडा, बडेढ़, गोकलपुर, ऐंचवाडी सहित गांवों में आई बाढ़ से ग्रस्त लोगों को 2 माह तक मुफ्त खाना पहुंचाने के साथ ही फेरचर आयोग से उनका कर्ज माफ कराया। इसके साथ ही उनके पुर्नवास के लिए रजाई, कंबल, चारपाई व रोजमर्रा की जरूरत के सामान बांटे। उनकी बढ़ती लोक प्रियता और लोगों की मांग पर उन्होंंने 1987 में फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से विधायक पद पर चुना लडा। चुनाव जीतने के साथ ही प्रदेश में के बीनेट राज्य मंत्री बने। इस समय में उन्होंने मंत्री पद के साथ ही मार्केट कमेटी के चेयरमैन पद पर रहते हुए हल्के के ही नहीं बल्कि प्रदेश के लोगों की सेवा की। अपने मंत्री पद के कार्याकाल में मेवात के 2500 युवाओं को नौकरी दिलाकर रोजगार दिया। अंग्रेजों के समय से अधूरी पडी बींवा सडक़ को पक्का कराया, फिरोजपुर झिरकार में अदालत खुलवाई, जिले के हर एक गांव में पशु अस्पताल व डिस्पेंशरी खुलवाई, मेवात के बिजली तंत्र को मजबूत करते हुए गांव-गांव तक बिजली पहुंचाई, लिंक रोडों को पक्का कराने के साथ ही नए स्कूल खुलवाएं और काफी स्कूलों को अपग्रेड कराएं। उनका सपना था कि हर घर से एक युवक नौकरी लगकर घर को समद्व बना सके। 17 जनवरी 1994 को वो अपने एक करीबी मरीज को गुडगांव के अस्पताल में देखने गए थे। जहां पर अचानक दिल का दौरा पडने पर उनका देहांत हो गया। देहांत के बाद उनके शव का पैतृक गांव नीमखेडा लाया गया। जहां पर लाखों लोगों की मौजूदी में भीनी पलकों से उन्हें सुपर्द-ए-खाक किया गया। 17 जनवरी 1994 को भले ही उनकी मौत ने उन्हें लोगों से दूर कर दिया हो, लेकिन उनके द्वारा किए गए नेक कार्यों के चलते आज भी वो हजारों लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। अजमत खान के निधन के बाद उनके बडे बेटे चौधरी आजाद मोहम्मद को राजनीतिक बिरासतमिली। उन्होंने 1996 में पहला चुनाव लडकर फिरोजपुर झिरका से विधायक बनने के साथ ही मत्सय, पंचायती राज सहित मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके बाद 2005 में चुनाव बनने के डिप्टी स्पीकर बनकर लोगों की सेवा करते हुए पुन्हाना को 66 केवी बिजली घर, अजमत खान मेमारियल स्टेडियम, मिनी सचिवालय, बस अड्डा, कोटला झील, मेवात माडल स्कूल, पुन्हाना को सीएचसी अस्पताल देने के साथ ही जिले में सडक़ो का जाल बिछाने से लेकर लोगों की प्यास बुझाने के लिए रेनीवेल की मंजूरी दिलाने में अहम भूमिका रही।
अजमत खान के छोटे बेटे रहीशा खान का राजनीतिक सफर:
मरहूम चौधरी अजमत खान के छोटे पुत्र रहीशा खान पूर्व राज्य मंत्री विधान सभा पुन्हाना
भी उनके ही नक्शे कदम पर चलते हुए राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं। राजनीति की शुरूआत में रहीशा खान जिला पार्षद व कापरेटिव बैंक के डारेक्टर रहे। जिसके बाद वर्ष 2014 में चुनावलडते हुए पुन्हाना विधानसभा सीट से विधायक बने। जिसके बाद बिना शर्त भाजपा सरकार को समर्थन देते हुए पहले ही छटके में पुन्हाना की वर्षों पुरानी गल्र्स कालेज व उपमंडल सहित अन्यमांगों को मुख्यमंत्री से मनवाने में कामयाब रहे। इसके बाद रहीशा खान वकफ वर्ष २०१७ में चेयरमेन बने । इसके बाद विधायक रहीशा खान ने पूर्व राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त करने में कामयाब रहे।
पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में पुन्हाना विधान सभा के विकास को आगे बढ़ाते हुए 3 दिसंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रदेश की सबसे बडी व सफर रैली कर 300 करोड के विकास कार्य कोमंजूर कराने में कामयाब रहे। जिसमे पिनगवां व बिछौर को थाना, किसानों की समस्या को देखते हुए नहरो में सिचांई के पानी के लिए बिछौर में रेगयूटेर, पिनगवां में मेवात माडल स्कूल, पुन्हाना को एएनएम स्कूल, आफीसर कालोनी, मीनी सचिवालय, रेनीवेल में दर्जनों गांवों को शामिल कराने सहित काफी विकास कार्य किए।