पानी पाउच में भरकर बेचती थी अवैध शराब, आबकारी विभाग ने मारा छापा

जांजगीर-चांपा। शनिवार को अवैध शराब निर्माण और भंडारण के खिलाफ आबकारी विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। दो ठिकानों से 200 लीटर से भी अधिक शराब जब्त की है। आबकारी ने महिल सहित दो आरोपियों को जेल दाखिल किया है। जिले में अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस व आबकारी की लाख कड़ाई के बाद भी महुआ शराब विक्रेता अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। हद तो तब हो जा रही है जब जिले में महुआ शराब बनाने की फैक्ट्री भी संचालित हो रही है। वर्दी का इन्हें तनिक भी डर नहीं है। वहीं इसका दूसरा कारण ऐसे लोगों पर कड़ी सजा का प्रावधान नहीं है। यदि ऐसे लोगों को कड़ी सजा होती तो इन पर कुछ अंकुश लग सकता था। रविवार को कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार व सहायक आयुक्त आबकारी प्रवीण वर्मा के विशेष मार्गदर्शन में जिला-जांजगीर में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब निर्माण एवं भंडारण पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है।

आबकारी सब इंस्पेक्टर ग्राम देवरी एवं खोरसी सबरिया डेरा में महानदी किनारे से 160 बल्क लीटर एवं 4400 किग्रा महुआ लहान नष्ट बरामद होने पर आबकारी अधिनियम की धारा 34-2 के तहत प्रकरण कायम किया गया। आबकारी टीम ने ग्राम देवरी खोरसी एवं लोहरसी सबरिया डेरा में महानदी एवं नाला किनारे से 60 बल्क लीटर एवं 3200 किग्रा महुआ लहान नष्ट किया है। मामले में आबकारी अधिनियम की धारा 34-2 के तहत प्रकरण कायम किया गया। वहीं ग्राम खरौद निवासी सुनीता के संज्ञान आधिपत्य से 2 लीटर महुआ शराब बरामद होने से 34-1 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। वहीं ग्राम बेल्हा निवासी संध्या के संज्ञान आधिपत्य से 30 बल्क लीटर महुआ शराब बरामद होने से धारा 34-2 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड लेकर जेल दाखिल किया गया है।
संयुक्त कार्रवाई में आबकारी उपनिरीक्षक मनोज राठौर, घनश्याम प्रधान मुख्य आरक्षक नेतराम बंजारे आरक्षक गणेश चेलकर, राजेश पांडे, रघुनाथ पैकरा, स्टॉफ परस कहरा, बसंती, लक्ष्मी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अवैध शराब विक्रेता नदी नाला किनारे को ज्यादा सुविधाजनक स्थान मानते हैं। क्योंकि अब पुलिस व आबकारी का छापा पड़ता है तो ऐसे लोग साजो सामान को नदी नाले में बहा देते हैं। वहीं महुआ पास सड़ाने के लिए भी नदी नाले के पानी का इस्तेमाल करते हैं। 90 फीसदी ऐसे स्थानों में पड़ता है। जहां से पुलिस व आबकारी को बड़ी सफलता यहीं से मिलती है। हालांकि देखा जाता है कि ऐसे स्थानों में पुलिस व आबकारी टीम को आते देख तस्कर भागने में कामयाब हो जाते हैं। जिससे आरोपी नहीं पकड़े जाते।
आबकारी टीम द्वारा अवैध शराब तस्करों के ठिकाने में लगातार छापेमारी की जाती है। हर रोज प्रकरण बन रहे। फिर भी इनका कारोबार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। फिर भी हम ऐसे कारोबारी में शिकंजा कस रहे हैं।
– प्रवीण वर्मा, जिला आबकारी अधिकारी