
तीन आईपीएस संघ कार्यालय पहुंचे, तबादलों के साथ एसआई भर्ती रिजल्ट जारी होने की उम्मीद
हाईकोर्ट के आदेश के बााद भी कांग्रेस सरकार में जारी नहीं हो सका एसआई भर्ती का रिजल्ट
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रायपुर। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब अफसरों और कर्मचारियों को भी इधर से उधर जाना पड़ेगा। जो अधिकारी लूप लाइन में थे वे अब शीघ्र ही फ्रंट में आ जायेंगे। कल प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारी एसआई भर्ती समिति के अध्यक्ष एडीजी विवेकानंद सिन्हा,डीआइजी आर एन दास और डीआईजी केएल ध्रुव आरएसएस के छत्तीसगढ़ कार्यालय जागृति मंडल पहुंचकर वहां प्रान्त प्रचारक शंकर सिदार से मुलाकात करने की खबर है। साथ ही वहां पर वे दोनों उप मुख्यमंत्री से भी मिले। उनके मिलने से यह कयास लगाए जा रहे हैं की शीघ्र ही पुलिस विभाग में तबादले होंगे और पिछले कई सालों से एस आई भर्ती के रुके हुए रिजल्ट भी जारी होने की उम्मीद की जा रही है। पिछले दिनों एस आई भर्ती के अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलकर जल्द से जल्द रिजल्ट जारी करने के लिए गुहार लगाए थे. उन्होंने जारी करने आश्वासन भी दिए थे. भाजपा शासनकाल 2018 में पुलिस एसआई भर्ती पीएससी के माध्यम से निकाली थी, सरकार बदलने के बाद कांग्रेस शासनकाल में सरकार ने पद बढ़ा कर परीक्षा भी लिया, लेकिन परिणाम घोषित नहीं किया और न ही नियुक्त दी। नियुक्त में देरी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई कि परिणाम जारी कर नियुक्ति दी जाए। इसी दौरान विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से आचार संहिता लागू हो गया और परिणाम और नियुक्ति रूक गई।
हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई कर नियुक्ति देने का आदेश दिया। लेकिन आचार संहिता के चलते नहीं हो पाया। अब सरकार बदलते ही अभ्यर्थियों में परिणाम घोषित होने और नियुक्ति की उम्मीद जागी है। बेरोजगारों ने इसी मुद्दे को लेकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर सरकार बदली है। अब यह उम्मीद बलवती हो गई है कि भाजपा सरकार इस मामले में जल्द कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बेरोजगारों के साथ न्याय करेगी। लंबे समय छत्तीसगढ़ पुलिस में भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह राहत भरी खबर थी कि हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट ने 975 पदों के लिए आयोजित हुई भर्ती परीक्षा के मामले में राज्य सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेकर नियुक्ति देने की बात कही है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश जारी कर कहा है कि इंटरव्यू में पास हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति जल्द की जाए।
राज्य सरकार ने दी दलील कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब राज्य सरकार से सवाल किया गया कि आखिर क्यों नियुक्ति को रोका गया है तो राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा था कि फिलहाल आचार संहिता लागू होने की वजह से पदों पर नियुक्ति रुकी हुई है। पूरा मामला साल 2018 में पहली बार राज्य सरकार द्वारा 655 पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती निकाली गई थी, लेकिन भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं हुई। इसके बाद साल 2023 में इन पदों को बढ़ाकर 975 कर दिया गया, जिन पर इसी साल परीक्षा आयोजित की गई। राज्य पुलिस विभाग में अब तक की सबसे बड़ी भर्तियों में से एक इस एसआई भर्ती परीक्षा के लिए 1.5 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था। इनमें से सिर्फ 1500 अभ्यर्थी इंटरव्यू तक पहुंच पाए। लेकिन इनकी नियुक्ति ना होने की वजह से उनकी तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। नियुक्ति नहीं होने की वजह से कई अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस भर्ती परीक्षा में हाईकोर्ट ने एक अन्य अभ्यार्थी की याचिका की सुनवाई की है। जिसमें हाईकोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर अंतिम चयन सूची जारी करने के संबंध में राज्य शासन को दी जाने वाली सहमति पर जल्द निर्णय लेने कहा है। बता दें, पुलिस भर्ती परीक्षा में हाईकोर्ट ने एक अन्य अभ्यर्थी पुष्पा सिदार की याचिका पर सुनवाई किया। जिसमें कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। नोटिस में राज्य शासन को दी जाने वाली सहमति पर जल्द निर्णय लेकर सूचना देने की भी बात कहीं है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए एक सप्ताह के बाद का समय तय किया है। सूची जारी करने की सहमति मांगी अभ्यर्थी पुष्पा सिदार ने अपने अधिवक्ता सिद्धार्थ दुबे के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि बीते सप्ताह हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्वाचन आयोग से अंतिम चयन सूची जारी करने के संबंध में सहमति लेने की बात कही थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पुलिस भर्ती के लिए अंतिम चयन सूची जारी करने की सहमति मांगी थी। राज्य शासन के पत्र को राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग के हवाले किया। मार्गदर्शन मांगा है। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगने की जानकारी दी।
आचार संहिता लागू होने से मामला अटका था
छत्तीसगढ़ मेंआचार संहिता लागू होने के कारण यह मामला अटका हुआ था। इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने राज्य सरकार से कहा था कि फिलहाल आचार संहिता लागू होने की वजह से पदों पर नियुक्ति रुकी हुई है। ऐसे में आप चुनाव आयोग से अनुमति लेकर इन पदों पर नियुक्ति करें।