
दुर्ग। श्री शदाणी दरबार के सेवादार श्री राजकुमार उदासी के निधन के पश्चात उनकी अंतिम इच्छा पूर्ण करते हुए उनकी देह श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई, राजकुमार उदासी के भतीजे नरेश कुमार उदासी,हसानंद उदासी ने देहदान की प्रक्रिया हेतु सहमति दी एवं जानकारी दी कि यह उनके परिवार कि ओर से चौथा देहदान है।

श्री राजकुमार उदासी के निधन का समाचार मिलते ही सिंधी समाज के आसन दास मोहनानी,राजू पाहुजा,नामदेव मेघनानी,मोतीलाल राजपाल जिला चिकित्सालय पहुंचे एवं समाज तथा परिवार के लोगों को खबर दी एवं सामाजिक रीती रिवाज पुरे कर देहदान किया।
नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,रितेश जैन,सुरेश जैन,विकास जायसवाल,नयन गुलहने पूरा समय उपस्थित रहे व् देहदान प्रक्रिया में तकनीकि सहयोग किया। डॉ अंजलि वंजारी,संदीप रिसबुड के सहयोग से देह श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई।आसन दास मोहनानी व राजू पाहुजा ने जानकारी दी राजकुमार उदासी वर्षों से श्री शदाणी दरबार में सेवा कर रहे थे उनका जीवन प्रभु की भक्ति में बीता और जाते जाते भी देहदान कर पुनित कार्य कर गए और पूरा समाज उन्हें याद कर प्रेरणा लेता रहेगा। नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य जितेंद्र हासवानी ने कहा पूर्व में भी सिंधी समाज की ओर से नेत्रदान और देहदान हो चुके हैं और अब नेत्रदान तथा देहदान हेतु समाज में जागरूकता बढ़ रही है शदाणी दरबार के गुरूजी डॉ युधिष्ठिर लाल जी ने भी समाज को इस पुनित कार्य हेतु प्रोत्साहित किया है,राज आढ़तिया ने जानकारी दी कुछ तकनीकि कारणों से राजकुमार उदासी के नेत्रदान संभव नहीं हो सका।