
- रूपिंदर और उसके साथियों की कुंडली बनाने में जुटी सुरक्षा एजेंसी व पुुलिस
- सुरक्षा एजेंसियों के जाल में फंसे हथियार, हिरोइन के तस्कर
जनता से रिश्ता की खबर पर लगी मुहर, पंजाब पुलिस ने चार आरोपियों को बार्डर पर पकड़ा
रायपुर। जनता से रिश्ता लगातार प्रदेश में तस्करों और माफियाओं जमावाड़ा को लेकर खबरें प्रकाशित करते रहा। जिसकी पुष्टि हाल ही में पंजाब बार्डर में पकड़ाए चार तस्करों जिनका सीधा कनेक्शन रायपुर से बताया जा रहा है। आतंकी कनेक्शन को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। सुरक्षा एजेंसी ने जांच के संकेत दिए है। पाक से हथियारों और हिरोइन के साथ पंजाब बार्डर के गुरुदासपुर में रायपुर से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद अब राजधानी में राष्ट्रीय सुरक्षा एंजेंसियों की संभावित जांच के मद्देनजर स्टेट पुलिस भी इनके कुंडली तैयार करने में जुट गई है। यहां के सभी थानों में दर्ज इन आरोपियों के पुराने मामले निकाले जा रहे है। स्थानीय इंटेलीजेंस भी अलर्ट हो गई है। पुलिस महकमे की माने तो करीब दो साल से तस्करी में एक आरोपी रूपिंदर का नाम मुख्यत: सामने आता है। आरोपी ने जाहिर तौरर पर जब तक यहां रहा और पुलिस मामले में फंसता रहा। उस दौरान उसने न केवल गैंग तैयार कर लिया बल्कि काफी प्रापर्टी बी बनाई । चर्चा है कि कबीर नगर के अलावा शहर के अन्य हिस्सों में बी उसकी बेनामी संपत्ति हो सकती है। यहां न केवल ब्राउन शुगर की तस्करी बल्कि युवाओं के समूह के साथ जाकर किए गए हमले में भी उसका नाम सामने आया है।
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रायपुर के उसके साथी भी पकड़े गए लेकिन ब्राउन शुगर मामले में एक बार ही यह आरोपी यहां पकड़ा गया है। फिर फरवरी 2023 से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। चौंकाने वाली बात यह बी हौ कि कालेज के युवाओं व रायपुर के कुछ बड़े होटलों तक इनकी पहुंच होने के संकेत पुलिस को मिलते रहे है।
पंजाब पुलिस ने आरोपी रूपिंदर उर्फ पिंदर पिता मंजीत सिंह मेहताब सिंह, इसके बेटे कंवलजीत, बलराज सिंह और मनी सिंह के साथ पश्चिम बंगाल की एक महिला सीमा डेमा को दबोचा है। इनमें से रूपिंदर सिंह 24 मई 2022 को नालंदा परिसर जीई रोड के पास ताना सरस्वती नगर क्षेत्र में दस ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पकड़ाया था। हालांकि इससे पहले आरोपी रुपंिदर और उसके पिता मंजीत सिंह के खिलाफ अविनाश आशियाना आपार्टमेंट में रहने के दौरान वहीं के एक युवक पर अनिमेष मुखर्जी पर हमला करने की रिपोर्ट 4 जनवरी 2021 को फिर रूपिंदर को कबीर नगर इलाके के वीरसावरकर नगर हीरापुर में दारदार हथियार लेकर घूमते और आतंक फैलाते कबीर नगर पुलिस ने दबोचा।
10 लाख का ब्राउन शुगर मिला कंवलजीत और बलराज से: पंजाब में गिरफ्तार आरोपी कंवलजीत और बलराज सिंह दोनों 3 फरवरी 2023 को सरस्वती नगर ताने के पीचे कोटा स्टेशन के पास 10 लाख के ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया।पुलिस का आरोप है कि तरनतारन जिला पंजाब निवासी दोनों आरोपी रुपिंदर को ब्राुन शुगर की डिलीवरी करने आए लेकिन पुलिस के गेरे में फंसने से पहले आरोपी रूपिंदर फरार हो गया था। हालांकि एफआईआर में नाम शामिल करके पुलिस ने उस वक्त उसे फरार घोषित किया था. लेकिन यह आरोपी कबी गिरप्त नहीं आया। दूसरी तरफ कंवलजीत का पिता मेहताब बी अबी पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
मौदहापारा में किया था हमला: 21 जून 2021 में कबीर नगर में आम्र्स एक्ट के तहत गिरफ्तारी के बाद आरोपी रुपिंदर का नाम दुर्गा कालेज के मौदहापारा निवासी छा6ों पर हथियारों से लैस होकर हमला में आया। 28 अक्टूबर 2021 को आरोपी ने अपने साथियों के साथ मलिकर तेलीबांधा वीआईपी रोड के पास एक होटल में पार्टी के दौरान छात्रों से विवाद होने पर रात में मौदहापारा में हमला कर दिया था। तीन छात्रों को तब गंभीर चोटें आई थी। हमलावर दो मोटर साइकिल छोडक़र भागे थे, तब जस्सी नाम और मोबाइल नंबर की जांच करते हुए पुलिस रुपिंदर और उसके साथियों तक पहुंची। हालांकि मौदहापारा पुलिस ने दारा 294, 506, 323, 34 के तहत जमानतीय धाराएं हमलावरों के खिलाफ लगाई थी।
छत्तीसगढ़ गांजा और शराब तस्करी का बड़ा कोरिडोर: छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। जितना 15 साल गांजा नहीं बिका उतना पिछले 5 सालों में गांजा की बिक्री हुई है। छत्तीसगढ़ में स्टाक कर पूरे देश में गांजा की सप्लाई कर गांजा तस्कर करोड़ों रुपए के कारोबार को अंजाम देते है। जीआरपी और पुलिस के अधिकारियों की माने तो ओडिशा और आंध्रप्रदेश से हर साल 600 करोड़ से अधिक का गांजा देश के करीब 20 राज्यों में तस्करी कर पहुंचाया जाता है। इन राज्यों में गांजा आपूर्ति का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है। इन्हीं तीन जिलों के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं। सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव,हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में भेजा जाता है। जानकारों की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए देशभर में गांजा तस्करी की जा रही है। प्रदेश से कटा हुआ मलकानगिरी की पहाड़ी का हिस्सा ओडिशा में आता है। इस पहाड़ी से छत्तीसगढ़, ओडिशा व आंध्रप्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है।
महादेव एप सट्टेबाजी मामले के दो आरोपी को मिली 13 दिन की न्यायिक रिमांड
महादेव एप सट्टेबाजी मामले में दस दिन हफ्ते ईडी की गिरफ्त में आए अमित अग्रवाल और नितिन टिबरेवाल की दूसरी रिमांड खत्म होने पर सोमवार को उन्हें विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश किया गया। ईडी के अधिकारियों ने फिर से रिमांड नहीं मांगा, लिहाजा न्यायाधीश ने दोनों को 13 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन फरवरी को होगी।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डा.सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि आनलाइन महादेव बेटिंग एप सट्टेबाजी मामले में 12 जनवरी को ईडी की गिरफ्त में आए नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल की पांच दिन की दूसरी रिमांड खत्म होने पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया। फिलहाल दोनों आरोपितों की रिमांड की और जरूरत नहीं थी, इसलिए न्यायाधीश ने इन्हें 13 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
अमित अग्रवाल और नितिन टिबरेवाल पर रिमांड के दौरान पूछताछ में सहयोग न करने आरोप लगाते हुए ईडी के अधिकारियों ने कोर्ट में आवेदन पेश कर उनके मोबाइल का काल डिटेल की जांच करने और रिमांड की मांग की थी। इसके आधार पर पांच दिन की रिमांड मंजूर की गई थी।बताया जा रहा है कि पूछताछ में नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल से ईडी को सट्टेबाजी से जुड़ी कई अहम जानकारी मिली है।उनके खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य भी एकत्र किए गए है।
अमित अग्रवाल महादेव एप के भागीदार अनिल कुमार अग्रवाल का भाई है। ईडी की जांच में साफ हुआ है कि अमित अग्रवाल ने सट्टेबाजी में करोंड़ों रुपये कमाकर उसे दुबई में निवेश किए है। उसने अपने और पत्नी के नाम पर कई संपत्ति खरीदी है। बैंक खातों में 2.5 करोड़ रुपये जमा मिले है। वह सट्टेबाजी के पैसे को लोगों में लोन के रूप में बांटकर वापस ले लेता था।