
रायपुर। स्वर्गीय उत्तमचंद जी कोटड़िया की धर्मसहायिका गुमानी देवी कोटड़िया (82 वर्ष) के जीव ने देह त्याग कर अरिहंत सिद्ध शरण को प्राप्त किए हैं, उनकी भावना अनुसार परिवारजनों ने देहदान किया है। उनके पुत्र शैलेंद्र एवं भूपेंद्र कोटडिया ने बताया कि शाम 4 बजे उनके देवेन्द्र नगर स्थित निवास स्थान से माता जी का पार्थिव शरीर सामाजिक रीति रिवाजों पूजा पाठ करने के उपरांत शहर के लोगों की उपस्थिति में मेडिकल कालेज जेल रोड, रायपुर रवाना हुए जहां कालेज के प्रोफेसर को उनका पार्थिव देह सौप ने की प्रक्रिया कर देह दान किया गया।

उक्त अवसर पर शैलेंद्र सरिता कोटड़िया (पुत्र-पुत्रवधु)सुशील स्व. अशोक छाजेड, (पुत्री) ,मंजू प्रमोद जी सेठिया (पुत्री- दामाद),
मधु सतीश जी कोठारी (पुत्री-दामाद), अधिवक्ता भूपेंद्र- शालिनी कोटड़िया (पुत्र- पुत्रवधु), शताब्दी दिलीप ढ़ेलडिया (पौत्री-दामाद),प्रवर सोनल कोटड़िया (पौत्र-बहु), हृदय (पौत्र), शिवी (पड़पोती) प्राशिव (पड़पोता) एवं समाज जनों की उपस्थिति मे पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई.
उल्लेखनीय है कि देह दान करने के लिए श्रीमती गुमानी देवी को किसी ने प्रेरित नहीं किया था ब्लकि स्वयं से प्रेरित होकर उन्होंने परिवारजनों को मृत्यु पूर्व अपनी इच्छा बताई थी जिसे पूरे कोटडिया परिवारजनों ने पूरी की।