
महासमुंद। जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती मीता मुखर्जी एवं जिला मिशन समन्वयक कमलनारायण चन्द्राकर के निर्देशन में शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) एवं शाला प्रबंधन एवं विकास समिति (एसएमडीसी) का जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण, जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा महासमुंद में 23 जनवरी को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में प्रत्येक विकासखंड से एक-एक व्याख्याता एवं शिक्षक शामिल हुए।

राज्य स्त्रोत समूह (मास्टर ट्रेनर) नीलकंठ यादव सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला चौकबेड़ा विकासखंड महासमुंद, एवं श्रीमती खेमलता प्रधान सीएसी सांकरा विकासखंड पिथौरा द्वारा उक्त प्रशिक्षण दिया गया। एसएमसी एवं एसएमडीसी से संबंधित प्रत्येक माड्युल के प्रत्येक बिन्दु पर प्रोजेक्टर द्वारा विस्तार से चर्चा किया गया। जिला स्तरीय प्रशिक्षण के पश्चात् विकासखंड, संकुल एवं विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य समस्त एसएमसी सदस्यों, पालकों को एसएमसी, एसएमडीसी के गठन, क्रियान्वयन अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी देना तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु शिक्षकों/अभिभावकों की भागीदारी मजबूत करना बच्चे के शैक्षिक स्तर में सुधार हेतु समुदाय की भागीदरी को बढ़ाना, बच्चों के शत्प्रतिशत् नामांकन, शाला त्याग में ठहराव आदि विषयों पर चर्चा कर ठहराव में होने वाली कमी का समाधान ढूंढना है।
जिला मिशन समन्वयक कमलनारायण चंद्राकर एवं एपीसी विद्या साहू द्वारा कार्यक्रम को संबोधित किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को आवश्यक दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन दिया गया, ताकि प्रशिक्षण का उद्देश्य पूर्ण हो सके तथा विद्यालयों में गठित एसएमसी/एसएमडीसी सशक्त बन सके, और विद्यालयों में बच्चों एवं शिक्षकों की नियमित उपस्थिति हो, प्रत्येक विद्यालय में एसडीपी बना हो तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए।