
रायपुर। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, “राहुल गांधी की यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी और इस न्याय यात्रा में लोगों को जो न्याय मिलना चाहिए हम उस मुद्दे को उठाएंगे। इस यात्रा का लाभ हमारी पार्टी और जनता को मिलेगी।लोग INDIA गठबंधन और कांग्रेस को बेहतर विकल्प मानते हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी श्री @SachinPilot जी, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुश्री @Radhika_Khera जी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री @DeepakBaijINC जी एवं नेता प्रतिपक्ष @DrCharandas जी ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन, रायपुर में संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
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— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) January 11, 2024
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी और पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट ने कहा- राजनीति में हमेशा भविष्य की तरफ देखना चाहिए। मीडिया से चर्चा करते हुए पायलट ने कहा- “हम इतिहास बदलने आए हैं, हम प्रासंगिक मुद्दों पर मजबूती से लड़ेंगे। हम अधिक से अधिक लोकसभा सीटें जीतने की कोशिश करेंगे लेकिन समस्या यह है कि हाल के राज्य चुनावों के बाद, हमारे पार्टी कार्यकर्ता थोड़े हतोत्साहित हैं। राजनीति में हमें हमेशा भविष्य की ओर देखना चाहिए, हम निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में बेहतर होंगे।
कांग्रेस का भविष्य अच्छा है।” छत्तीसगढ़ कांग्रेस का प्रभारी बनने के बाद पायलट सचिन पायलट गुरुवार को पहली बार रायपुर पहुंचे थे। रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पायलट का भव्य स्वागत किया। कांग्रेस कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा- छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में जो विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं उसे लेकर हमारे कार्यकर्ता आहत हैं लेकिन हम जोरदार वापसी करेंगे।
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए कांग्रेस ने निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है। इसे लेकर पायलट ने कहा- “निमंत्रण देने वाली संस्था ने सिर्फ 3 लोगों को निमंत्रण दिया था। AICC के बयान से स्पष्ट है कि धर्म के नाम पर इस मुद्दे का अगर राजनीतिकरण किया जा रहा है तो हम उसके पक्ष में नहीं हैं। हर व्यक्ति की आस्था होती है तो कोई भी, कहीं भी, कभी भी जा सकता है।
इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ लेने को हम गलत मानते हैं।” पायलट ने कहा- “राजनीति और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए। अगर धर्म के आड़ में राजनीति हो रही है तो उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। हम जनता के मुद्दों, विकास, शिक्षा, रोजगार पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन भाजपा इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। भावनात्मक मुद्दों के आड़ में वोट लेना भाजपा की परंपरा रही है। कोई कभी भी मंदिर जा सकता है लेकिन इस तरह का जो राजनीतिकरण हो रहा है उसे कांग्रेस पार्टी ने गलत माना है।”