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रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से गुजरने वाली ट्रेनों में भिक्षावृति का ये हाल है कि हर साल यहां 400 से ज्यादा लोग पकड़े जा रहे हैं। उन पर रेलवे एक्ट के तहत जुर्माना भी लगाया जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 2000 के हिसाब से उनसे पांच लाख रुपए तक जुर्माना लिया जा रहा है, इसके बावजूद ट्रेनों में भीख का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। ज्यादातर ट्रेनों में यूपी और बिहार के भीख मांगने वाले गिरोह सक्रिय हैं। आरपीएफ और डीआरएम के ट्विटर अकाउंट में हर साल 80 से अधिक शिकायतें मिलती हैं।
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जब एक समाचार पत्र ने पड़ताल की, तो पता चला, आरपीएफ हर साल ट्रेन में गंदगी फैलाना, रेलवे ट्रैक पार करना, चेन पुलिंग, अवैध वेंडिंग समेत दर्जनभर केस में 7 हजार से अधिक लोगों पर कार्रवाई करता है, जिसमें 400 से अधिक मामले केवल यात्रियों से जबरिया वसूली और भिक्षावृत्ति करने वालों के खिलाफ हैं। बता दें कि रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 144 के मुताबिक रेलगाड़ी, रेलवे प्लेटफॉर्म या अन्य रेल परिसर में भीख मांगना अपराध है। इसके लिए कैद या जुर्माना या दोनों शामिल है।