योगी आदित्यनाथ सरकार नोएडा व ग्रेटर नोएडा में चार नए आधुनिक शहर बसायेगी
जल्द ही इन शहरों को बसाने की दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा व ग्रेटर नोएडा पहले से ही यूपी के आधुनिक शहरों में शुमार हैं। देश की राजधानी दिल्ली के पास बसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अलावा यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी में चार नए शहर बसाने की तैयारी कर रही है। यह चारों शहर हाईटेक होने के साथ साथ विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे। इन चारों नए शहरों की डीपीआर तैयार कराई जा रही है और जल्द ही इन शहरों को बसाने की दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि 29 जनवरी को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यीडा की बोर्ड बैठक संपन्न हुई। इस बोर्ड बैठक में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे किनारे ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक चार नए शहर बसाने पर गहनता से विचार मंथन हुआ। बोर्ड की बैठक में चारों नए शहरों को बसाने का प्रस्ताव रखा गया। इन शहरों को बसाने की योजना को यमुना प्राधिकरण अपनी प्लान 2041 में शामिल किया है। इन चारों शहरों की कुल जमीन का 40 प्रतिशत भाग उद्योगों के लिए आरक्षित किया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का दायरा ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक है, क्योंकि यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक जाता है। यमुना प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे किनारे चार नए शहरों का विकास करेगा। ये चारों शहर करीब 32 हजार हेक्टेयर भूमि पर बसाए जाएंगे। इन चारों शहरों के बसने से न केवल दिल्ली एनसीआर, बल्कि आगरा के लोगों, उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा। यहां पर निवेश की संभावनाएं बढ़ेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए नए अवसर सृजन होंगे।
यमुना प्राधिकरण द्वारा पहला औद्योगिक और आधुनिक शहर जेवर इलाके के आसपाास बसाया जाएगा। यहां 1400 हेक्टेयर जमीन पर इलेक्ट्रॉनिक सिटी, लॉजिस्टिक हब और एविएिशन हब से संबंधित उद्योगों के लिए आरक्षित की गई है। वहीं यूपी सरकार ने इसका मास्टर प्लान पास कर दिया है। इसके बाद प्राधिकरण ने एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को यह प्रस्ताव भेजा है।
यमुना एक्स्रप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का दूसरा औद्योगिक शहर अलीगढ़ के पास बसाया जाएगा। प्राधिकरण ने इसका नाम टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर दिया है। इसके लिए लगभग 11 हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है।
तीसरा शहर मथुरा के पास बसाया जाएगा। अफसरों के मुताबिक, यहां 16.2 प्रतिशत क्षेत्र में उद्योग और 14.5 प्रतिशत जमीन मिश्रित भू उपयोग के लिए आरक्षित की गई है। मथुरा जिले में राया को केंद्र बनाया जाएगा और 20 प्रतिशत से अधिक जमीन उद्योगों के लिए आरक्षित होगी, जबकि 2.5 प्रतिशत जमीन का उपयोग मिश्रित रूप से हो सकेगा।
प्राधिकरण यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे आगरा जिले में चौथी टाउनशिप बसाएगा। इसके मास्टर प्लान पर यमुना प्राधिकरण ने काम शुरू भी कर दिया है। यहां 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी है। मास्टर प्लान बनने के बाद इसे प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा।