एक बार फिर से सुशील मोदी ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर करारा हमला बोला

एक बार फिर से सुशील मोदी ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि सत्ता के लिए पलटी मारने वाले लोग लोकलाज की बात न करें तो ज्यादा ही ठीक होगा. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी को सबूत पहुँचाने वाले अब लालू के दोस्त कैसे बन गए ? पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू परिवार के विरुद्ध पुख्ता सबूत जांच एजेंसियों को दिये और बाद में लालू प्रसाद से ही डील कर सत्ता बचा ली, उनके मुहँ से लोकलाज की बात अच्छी नहीं लगती.
सुशील मोदी ने कहा कि यदि हिम्मत हो, तो ललन सिंह माफी मांगते हुए एलान करें कि लालू परिवार दूध का धुला है और उस पर भ्रष्टाचार के सबूत उपलब्ध करा कर उन्होंने गलती की. उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार को लोकलाज का खयाल होता तो उन्होंने चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद से हाथ नहीं मिलाया होता. सुशील मोदी ने कहा कि जमीन के बदले नौकरी और आईआरसीटीसी मामले में आरोपी तेजस्वी यादव से हाथ मिलकर राज करना क्या लोकलाज है? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कई मामलों में तेजस्वी यादव को 2025 के लिए अपना उत्तराधिकारी क्यों घोषित कर दिया. क्या यह लोकराज का सम्मान है?
 ललन सिंह ने अमित शाह पर कसा था तंज
दिल्ली अध्यादेश बिल – 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने देश के गृहमंत्री अमित शाह पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोकतांत्रिक बहुमत से चुनी हुई सरकार का गला घोंटकर पिछले दरवाज़े से दिल्ली राज्य वासियों पर शासन करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाया गया है. ललन सिंह ने कहा कि गृहमंत्री ने कई बातों का उल्लेख किया लेकिन उन्हीं बातों का उल्लेख किया जो उनके लिए हितकर था.
ललन सिंह ने कहा कि इस देश में संविधान की व्याख्या करने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई 2023 को अपने फैसले में इसकी विस्तृत ब्याख्या की है. अमित शाह ने जजमेंट के कई पैरा पढ़े लेकिन उन्होंने उन्हीं पैरा को पढ़ा जो उनके लिए अच्छा था. पूरा जजमेंट उन्होंने नहीं पढ़ा. ललन सिंह ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में दिल्ली सरकार के अधिकारों, कानून व संविधान की पूरी व्याख्या की है लेकिन मोदी सरकार बैक डोर सेललन सिंह ने आगे कहा कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आता है. 19 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट बंद होने वाला है. 19 मई 2023 को आप (केंद्र सरकार) अध्यादेश लाती है. उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटीशन भी दाखिल कर दिया जाता है. क्या यही लोकतंत्र है? ऐसे ही लोकतंत्र को आप चलाना चाहते हैं.
ललन सिंह ने सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र चलता है लोकलाज से और इस सरकार ने सारे लोकलाज तो ताक पर रख दिया और डुबोकर दिल्ली में शासन करना चाहते हैं. दिल्ली में बैक डोर से शासन करना चहाते हैं? दिल्ली की सरकार जनता की सेवा कर रही है या नहीं कर रही है ये दिल्ली की जनता तय करेगी.


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